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परिचय-
पृथ्वी के वातावरण में पाई जाने वाली सौर ऊर्जा की औसत लगभग 1.353 वाट प्रति वर्ग मीटर है सूर्य सौर ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है। हांलांकि इतनी ऊर्जा पृथ्वी सतह तक नहीं पहुंच पाती है। भारत कर्क रेखा पर स्थित होने के कारण यहा प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा की मात्रा लगभग एक हजार अरब किलोवाट है। वह हमारे सभी स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा से एक सौ हजार गुना अधिक है गर्मी के दिनों में हमारे यहां इतनी अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है कि अगर इसका सफलतापूर्वक उपयोग किया जाये तो इस देश में बिजली संकट को आसानी से दूर किया जा सकता है।
सौर ऊर्जा का शारांश
हमारे देश में सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने एवं संग्रहित करने वाले फोटो सेलों का स्वदेशी तकनीकी से निर्माण करने कि दिशा में संतोषप्रद कदम नहीं बढ़ पाया है। इन सेलों का उत्पादन अभी भी यहां पर बहुत महंगा है। अगर इनकी उत्पादन लागत कम हो जाये तो ग्रामीण विद्युतीकरण की दिशा में काफी उन्नति हो सकती है और सौर ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह प्रदूषण से पूरी तरह मुक्त है। सौर ऊर्जा पर आधारित निम्म संयंत्र हमारे देश में काफी उपयोगी साबित हुए हैं तथा इनके उपयोग से घरेलू एवं कृषि स्तर पर ऊर्जा का संरक्षण करा जा सकता है।
सौर उर्जा उपयोग करने के फायदे –
सोलर वाटर हिटर –
इसका प्रयोग पानी गरम करने के लिये किया जाता है।
सोलर लालटेन –
इसका प्रयोग घर में रोशनी के लिये किया जाता है
सौर पम्प –
इसका उपयोग कुंओं से पानी खिचने में किया जाता है।
सौर शुष्क –
फसलीय उत्पादों को सुखाने के लिये उपयोग में लाया जाता है
सोलर कुकर-
इसका उपयोग भोजन पकाने में किया जाता है।
पशु बाँटा सोलर कुकर –
इसे बाँटा पकाने के लिये काम में लाया जाता है
पशु बाँटा सोलर कुकर –
इसे बाँटा पकाने के लिये काम में लाया जाता है