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परिचय –
मनुष्य के जीवन के लिये सबसे सर्वोत्तम पेय एवं खाद्य पदार्थ दूध है। भोजन के सभी पोषक तत्व दूध में मौवजूद होते है। प्रोटीन, शक्कर, वसा, खनिज लवण तथा विटामिन इत्यादि उचित मात्रा में मिलते है। इसलिये जीवन के लिये अत्याधिक लाभकारी होते है। जैसे कि हम जानते है कि अधिक समय तक सामान्य स्थित में सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। कुछ हानिकारक जीवांणु दूध के अधिक समय तक सुरक्षित रखने गन्दे एवं असुरक्षित दूध की पीने से होने वाली बीमारियों से उपभोक्ताओं के बचाने तथा अधिक आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से दूध का उत्पादन साफ तरीकों से करना बहुत ही आवश्यक है। जानवरों को साफ वातावरण में साफ एवं जीवांणु रहित बर्तन में साफ एवं बीमारी रहित ग्वालों द्वारा निकाला गया हो तथा जिसमें दिखाई देने वाली गन्दगी आदि को गोबर के कण, घास-फूस के तिनके बाल मच्छर, मक्खियां बिल्कुल न हो तथा न दिखाई देने वाली गन्दगी जैसे सूक्ष्म आकार वाले जीवांणु कम से कम संख्या में हो। गोबर के कण, घास-फूस के तिनके बाल धूल के कण मच्छर मक्खियां आदि। इन्हें साफ कपड़े या छनने से छान कर अलग किया जा सकता है।
साफ– सुधारा दुग्ध उत्पादन और प्रबंधन clean milk production and management –
सूक्ष्म आकार वाले जीवांणु आते हैं केवल सूक्ष्मदर्शी यंत्र द्वारा ही देखे जा सकते है। सूक्ष्म जीवांणु को नष्ट करने के लिये दूध को गरम करके दूध को लम्बे समय तक तक रख कर ठंडा कर लें
दूध में गन्दगियां प्रवेश करने के दो माध्यम है
- सभी जानवरों के अयन में पाये जाते है
- जीवांणु धनों के अन्दर में भी पाये जाते है
गांवों और शहर की निजी डेरियों में सफाई पर ध्यान न देने के कारण दूध में जीवांणुओं की संख्या बहुत अधिक होती है तथा दिखाई देने वाली गन्दगियां जो नहीं होनी चाहिए है।
गन्दगियां होने के प्रमुख कारण है जैसे–
- गंदे स्थानों पर दूध पीलाना
- गाय एवं भैसों को दुहन से पहले हाथ एवं कपड़ो की सफाई नहीं करना
- दूध को गंदे बर्तनो में निकालान एवं रखना
- गाय एवं भैस दुहन वाले बीमार होना
- गाय एवं भैसों को दूध को गंदे बर्तनों में रखना
- पत्तियों एवं भूसे व कागज आदि से ढ़कना।
- दूध में गंन्दे पदार्थों का मिश्रण करना
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आर्थिक लाभ के लिए आवश्यक साफ दूध का उत्पादन एवं स्वास्थ्य के लिये दूध को उत्पादन करते समय निम्न बातों पर ध्यान देना आवश्यक है
दूध दोहन से पहले कुछ सावधानियां जरूरी है जैसे–
- टी.बी. थनैल रोग पशुओं में नही होना चाहिए तथा पशुओं में समय-समय पर पशु चिकित्सक परामर्श एवं चांज कराते रहें
- पशुओं को चाराए दानाए दुहाई के समय नहीं देना चाहिएए बल्कि पहले या बाद में दें।
- दूध में मच्छरों मक्खियों का प्रवेश करने से रोकना चाहिए।
- यदि किसी थन से कोई बीमारी हो तो उससे दूध नहीं निकालना चाहिए।
- दुहाई से पहले पशु के शरीर पर खरैरा करके चिपका हुआ गोबर धूल कीचड़ घास आदि साफ कर लेना चाहिए।
- थनों को किसी जीवांणु नाशक के घोल की भीगे हुये कपड़े से पोंछ लिया देना चाहिए तो अच्छा होता है।
- पशुओ के थन को दो -चार बार दूध की धारें जमीन पर गिर देना चाहिए या किसी अलग बर्तन में इक्टठा करना चाहिए।
पशु बांधने वाले स्थान संबंधित सावधानियां –
- दूध दोहन वाली जगह की दीवारें छत आदि साफ होनी चाहिए। उनकी चूने से पुताई करवा लेनी चाहिए तथा फर्श की फिनाईल से धुलाई दो घंटे पहले कर लेनी चाहिए।
- फर्श यदि संभव हो तो पक्का होना चाहिए। यदि पक्का नहीं हो तो कच्चा पर्श समतल हो उसमे गड्ढे इत्यादि न हो। मूत्र व पानी निकालने की व्यवस्था होनी चाहिए।
- पशुओं को बांधने एवं खड़े होने के स्थान पर्याप्त होना चाहिए।
- पशु के चारों ओर सफाई कर देना चाहिए। गोबर, मूत्र हटा देना चाहिए।
दूध दोहन से पहले बर्तन से संबंधित सावधानियां –
- व्यक्ति साफ किये हुये बर्तन पर मच्छरए मक्खियों को नहीं बैठने देना चाहिए तथा कुत्ताए बिल्ली उसे चाट न सकें।
- दूध दुहने का बर्तन साफ होनी चाहिए। उसकी सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दूध के बर्तन को पहले ठण्डे पानी से फिर सोडा या अन्य जीवांणु नाशक रसायन से मिले गर्म पानी से फिर सादे खौलते हुए पानी से धोकर धूम में चूल्हे के ऊपर उल्टा रख कर सुखा लेना चाहिए।
- दूध दोहने का बर्तन का मुंह चैड़ा व सीधा आसमान में खुलने वाला नहीं होना चाहिए। क्योंकि इसमें मिट्टी- धूल गोबर आदि के कण व घास-फूस के तिनके बाल आदि सीधे दुहाई के समय बर्तन में गिर जायेंगे इसलिए बर्तन सकरे मुंह वाले हो तथा मुंह टेढ़ा होना चाहिए।
दूध निकालते समय सावधानियां –
- व्यक्ति को दूध निकालते समय बात करना तम्बाकू खाकर थूकना, छींकना खांसना, आदि गन्दी आदते व्यक्ति में नहीं होना चाहिये।
- दूध दुहने वाले व्यक्ति के कपड़े साफ होना चाहिए तथा सिर कपड़े से ढका हो।
- व्यक्ति के नाखून कटे होना चाहिए तथा दुहाई से पहले हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धो लिया गया हो।
- दूध दुहाने वाला व्यक्ति उसे किसी प्रकार की कोई बीमरी न हो।
सावधानियां–
दूध वास्तव में अमूल्य होता है लेकिन यही दूध अगर अस्वच्छ व असामान्य दशाओं में पैदा किया व रखा गया हो तो वही दूध स्वास्थ के लिये हानिकारक हो जायेगा।
दूध में मच्छरों मक्खियों का प्रवेश करने से रोकना चाहिए। दूध को गर्मियों में ठंडा करने के लिए गांवों में सबसे सरल तरीका यह कि घर में सबसे ठंडे स्थान पर जमीन में एक गड्ढा खोंद ले और उसमें बालू बिछा दे तथा उसे पानी से तर कर दे और उसके ऊपर दूध का बर्तन जिसका मुंह महीन साफ कपड़े से बंधा हो उसमें रख दें। समय-समय पर गड्ढे में पानी डालते रहे। ऐसा करने पर आप दूध को अधिक समय तक बिना खराब हुए रख सकते है। दूध को कभी भी बिना गर्म हुए प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। पशुओं को चारा, दाना, दुहाई के समय नहीं देना चाहिए बल्कि पहले या बाद में दें।अच्छी आमदनी के लिये स्वच्छ एवं सही तरीके से दुग्ध उत्पादन करें | Produce milk in a clean and right way for good income in Hindi